भारत में 7 और 8 सितंबर 2025 की रात एक खास खगोलीय घटना घटने जा रही है. इस दौरान आकाश में खूबसूरत “ब्लड मून” दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण कुल 3 घंटे 29 मिनट तक चलेगा और दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ सहित देश के बड़े शहरों से साफ दिखाई देगा.
ग्रहण का समय और सूतक काल
दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में यह ग्रहण 7 सितंबर की रात 9:58 बजे शुरू होकर 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे तक चलेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल शुरू हो जाएगा. मान्यता है कि इस समय राहु-केतु का प्रभाव चंद्रमा पर बढ़ जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है.
हिंदू धर्म में सूतक काल के नियम
सूतक काल के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस अवधि में भगवान शिव के मंत्रों का जाप और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना शुभ माना जाता है. सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित रखने की भी सलाह दी जाती है.
• क्या नहीं करना चाहिए: इस दौरान सोना, स्नान करना, दान देना और घर में पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है. घर के मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं. गर्भवती महिलाओं को चाकू और सूई जैसे उपकरणों के प्रयोग से बचना चाहिए.
• किन्हें छूट है: बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों पर सूतक काल के नियम लागू नहीं होते.
ग्रहण समाप्त होने के साथ ही सूतक काल भी खत्म हो जाएगा.
इस्लाम में चंद्र ग्रहण की मान्यता
इस्लाम धर्म में चंद्र ग्रहण को “चांद ग्रहण” कहा जाता है और इसे अल्लाह की कुदरत की निशानी माना जाता है. इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार इसका किसी शकुन या अपशकुन से कोई संबंध नहीं है. पैग़ंबर मोहम्मद साहब ने कहा था कि सूरज और चांद का ग्रहण न तो किसी की मौत और न ही किसी के जन्म का संकेत है, बल्कि यह अल्लाह की शक्ति और महानता का सबूत है.
ग्रहण के दौरान मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा अल्लाह का जिक्र करना चाहिए, सलात-अल-खुसूफ की नमाज पढ़नी चाहिए, गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए और सदका-खैरात करना चाहिए. इस्लाम के मुताबिक यह समय डरने का नहीं बल्कि अपने ईमान को मजबूत करने और अल्लाह की तरफ रुख करने का है.