पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने उत्तर भारत के कई राज्यों में भयंकर तबाही मचाई हुई है. हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में हालात गंभीर हैं. इन राज्यों में आई बाढ़ को पिछले चार दशकों की सबसे भयावह बाढ़ आपदा माना जा रहा है. इस आपदा में अबतक 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान आंका गया है.
हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों में भूस्खलन और नदियों के उफान से 220 से ज्यादा लोगों की जान गई, जबकि सेब के बागानों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में चिनाब और झेलम नदियों के खतरे के निशान पर पहुंचने से कई पुल टूट गए और हजारों घर जलमग्न हो गए. शुरुआती आकलन में यहां 6,500 करोड़ रुपये का नुकसान सामने आया है.
पहाड़ी राज्यों में आए इस बाढ़ का पानी कुछ नदियों के द्वारा सीधे पंजाब जा रहा है. जहां भयंकर बाढ़ ने पूरे प्रदेश में तबाही मचा दी है. एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में भाखड़ा नांगल बांध से छोड़े गए पानी और सतलज, रावी की बाढ़ में 1,000 से अधिक गांव पानी में डूब चुके हैं और 9,000 करोड़ रुपये की फसलें बर्बाद हो गईं. इस आपदा में 2.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पंजाब में पिछले कई दिनों से जारी भारी बारिश और इससे आई भीषण बाढ़ पर गहरी चिंता जताई है. उन्होने इस आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से सहायता की अपील है.
राहुल गांधी ने एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए पोस्ट लिखा कि ‘मोदी जी, पंजाब में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है. ऐसे मुश्किल समय में आपका ध्यान और केंद्र सरकार की सक्रिय मदद अत्यंत आवश्यक है. हज़ारों परिवार अपने घर, जीवन और अपनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मैं आग्रह करता हूं कि इन राज्यों के लिए, खासतौर पर किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की तत्काल घोषणा की जाए और राहत एवं बचाव कार्यों को तेज़ किया जाए’.

इन दिनों देश के कई राज्यों में हो रही भारी बारिश ने चिंताजनक हालात पैदा कर दिए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, सितंबर में भी देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान जैसे क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक लगातार तेज बारिश का दौर जारी रह सकता है। इससे भूस्खलन और बाढ़ की आशंका बनी रहेगी.
अब तक पूरे देश में मॉनसून सीजन के दौरान औसतन करीब 6% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. हालांकि इस बार बारिश का पैटर्न बदला हुआ दिखा. जहां आमतौर पर पूर्वी भारत में अच्छी बारिश होती है, वहीं इस बार वहां सूखे जैसी स्थिति बनी रही. इसके विपरीत उत्तर-पश्चिम भारत सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 27% अतिरिक्त वर्षा दर्ज की गई है और आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है.