प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी का 30वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर राज्यपाल ने कुल 35,009 उपाधियाँ प्रदान कीं, जिनमें से 20,419 छात्राओं तथा 14,590 छात्रों को उपाधियाँ मिलीं. कुल 79 पदक वितरित किए गए, जिनमें 58 छात्राओं को तथा 21 छात्रों को प्राप्त हुए.

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने जनपद झाँसी हेतु 200 तथा जनपद महोबा हेतु 300 आंगनबाड़ी किटों का भी वितरण किया. साथ ही विद्यालयों के लिए पुस्तकें भेंट की गईं. समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने अनुशासन, नियमित उपस्थिति तथा अनुसंधान की गुणवत्ता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि “विश्वविद्यालयों में होने वाला हर शोध जनता के कल्याण और समस्याओं के समाधान के लिए होना चाहिए, तभी उसका वास्तविक महत्व सिद्ध होगा.”

राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों की 75% उपस्थिति अनिवार्य होनी चाहिए तथा आवश्यकता पड़ने पर कक्षाओं और प्रयोगशालाओं में सीसीटीवी निगरानी लागू की जानी चाहिए. उन्होंने शिक्षकों को समय पर कक्षा में पहुँचने और निष्ठापूर्वक अध्यापन करने की प्रेरणा दी.
उन्होंने विद्यार्थियों को सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आगे आने का आह्वान किया. दहेज प्रथा, मद्यपान और भीख माँगने की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए राज्यपाल ने कहा – “छात्रों को संकल्प लेना चाहिए कि वे दहेज नहीं लेंगे और छात्राओं को संकल्प लेना चाहिए कि वे ऐसे जीवनसाथी का चयन करें जो दहेज और नशे के विरुद्ध हो.”

समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में निर्मित एवं उन्नयन किए गए कई शैक्षणिक और आवासीय भवनों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया. शिक्षकों का सम्मान, विभिन्न पुस्तकों का विमोचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस अवसर पर आयोजित हुए.
मुख्य अतिथि डॉ. चंद्रिका कौशिक, राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) श्रीमती रजनी तिवारी तथा कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने भी समारोह को संबोधित किया और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
समारोह में झाँसी के जिलाधिकारी मृदुल कुमार सहित विश्वविद्यालय के समस्त संकायाध्यक्ष, कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद सदस्य, शिक्षकगण, विद्यार्थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बच्चे और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे.