दिल्ली में स्कूलों को लगातार मिल रहे बम धमकी वाले ईमेल ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. शुक्रवार सुबह एक बार फिर द्वारका सेक्टर-7 स्थित एक निजी स्कूल में ऐसा ही एक संदिग्ध मेल मिला, जिससे हड़कंप मच गया. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के अनुसार, उन्हें सुबह करीब 7 बजे इस धमकी की सूचना दी गई, जिसके बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम तत्काल मौके पर रवाना हो गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस की बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड ने स्कूल परिसर में तलाशी अभियान चलाया. एहतियातन स्कूल को खाली कर दिया गया और स्टाफ व छात्रों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया.
धमकियों का सिलसिला और सहमे हुए बच्चे
यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के 50 से अधिक स्कूलों को इस तरह की धमकियां मिल चुकी हैं. 20 अगस्त 2025 को मालवीय नगर, करोल बाग, हौज रानी और प्रसाद नगर स्थित आंध्र स्कूल समेत राजधानी के कई प्रतिष्ठित स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भरे मेल मिले. इससे पहले 18 अगस्त को द्वारका के दो स्कूलों और एक कॉलेज को भी इसी तरह की धमकी दी गई थी, जिनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल भी शामिल था.
हर बार सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता दिखाई, स्कूल खाली कराए गए, बम स्क्वॉड की मदद ली गई लेकिन अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इससे न केवल प्रशासन, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के बीच भी चिंता बढ़ गई है.
क्यों फेल हो रही है दिल्ली पुलिस?
सिर्फ अगस्त महीने में ही 50 स्कूलों को धमकी मिल चुकी हैं. इन घटनाओं की बढ़ती संख्या के बावजूद दिल्ली पुलिस की ओर से कोई ठोस जानकारी या अपडेट सामने नहीं आई है. न तो किसी आरोपी को अब तक पकड़ा गया है, न ही ये साफ हो सका है कि इन ईमेल्स के पीछे किसका हाथ है. सवाल यह भी उठता है कि बार-बार एक जैसी धमकियां मिलने के बावजूद साइबर सुरक्षा व्यवस्था क्यों असफल साबित हो रही है. फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि यह किसी बदमाश गैंग की करतूत है या कोई साइबर साजिश. पुलिस और साइबर सेल इस मामले की जांच तो कर रहे हैं, लेकिन अब तक आरोपी के गिरफ्तार नहीं होने से सवाल भी खड़े हो रहें हैं.