लंबे समय के बाद एक्शन हीरो विद्युत जामवाल का तमिल सिनेमा में कमबैक हुआ है. जो पहले ‘थुप्पाक्की’ जैसी फिल्मों में खलनायक के किरदार के लिए जाने जाते थे. उनकी नई फिल्म ‘मद्रासी’ को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता थी. अब फिल्म रिलीज हो चुकी है. तो आइए जानते हैं दर्शकों की प्रतिक्रिया कैसी है.
क्या है कहानी का प्लॉट?
फिल्म की कहानी एक डेडिकेटेड पुलिस अधिकारी के इर्द-गिर्द घूमती है. जो तमिलनाडु में हथियारों की तस्करी करने वाले एक खतरनाक गिरोह का पीछा कर रहा है. बीच में एक आम आदमी फंस जाता है, जिसकी प्रेमिका को गिरोह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करता है. लेकिन सबसे बड़ा ट्विस्ट यह है कि वह शख्स मानसिक रूप से परेशान है और जब तनाव बढ़ता है तो वह हिंसक हो जाता है. फिल्म में बहादुरी और पागलपन के बीच की दूरी को बखूबी दिखाने की कोशिश की गई है.
एक्टिंग में छाए विद्युत जामवाल
विद्युत जामवाल के अलावा फिल्म में बीजू मेनन, मोनिशा विजय, विक्रांत, शबीर कल्लारक्कल, प्रेम कुमार, थलाइवसल विजय और ऋषि ऋत्विक ने भी अहम भूमिका निभाई है. फिल्म की छायांकन सुदीप एलमोन ने की है, संपादन का काम ए. श्रीकर प्रसाद ने संभाला है और संगीत अनिरुद्ध रविचंदर का है. जहां कहानी और अभिनय ने तारीफ बटोरी. वहीं संगीत और कुछ गानों को लेकर दर्शकों की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं.
फिल्म की मजबूती और कमज़ोरियां
फिल्म के शुरूआती हिस्से में कहानी अच्छी गति से आगे बढ़ती है और एक्शन सीन दमदार हैं. लेकिन बीच के हिस्से में ज्यादा गाने और रोमांटिक सीन होने के कारण कहानी की गति थोड़ी धीमी पड़ जाती है. संगीत की बात करें तो, अनिरुद्ध रविचंदर का यह साउंडट्रैक काफी औसत साबित हुआ है और दर्शकों को उतना प्रभावित नहीं कर पाया. फिल्म के बाकी हिस्सों में थ्रिल और ड्रामा अच्छे से बुना गया है. लेकिन कहीं-कहीं कहानी में दोहराव भी दिखा.
दर्शकों की राय
फिल्म देखने आए दर्शकों ने भी मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. कई दर्शकों ने विद्युत जामवाल के अभिनय को पसंद किया और कहा कि उनका किरदार फिल्म की जान है. वहीं कुछ दर्शकों ने संगीत को कमजोर बताते हुए कहा कि इसके कारण फिल्म का रोमांस हिस्सा बोरिंग लगा. वहीं एक और दर्शक ने समीक्षा करते हुए कहा, “कहानी में जो तनाव और पागलपन दिखाया गया है. वह दिलचस्प है. लेकिन कुछ हिस्से काफी धीमे हैं.