लखनऊ, 02 सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में राज्य कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 (UP ECMP-2025) को मंजूरी दी. यह नीति 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और अगले छह वर्षों तक लागू रहेगी.
नीति का उद्देश्य डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी सहित 11 प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट्स के निर्माण को प्रोत्साहित करना है. कैबिनेट के अनुसार, इस कदम से राज्य में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश और रोजगार के अवसर बनने की संभावना है.
केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) के अनुरूप तैयार की गई इस नीति का क्रियान्वयन शासन स्तर पर गठित कार्यान्वयन इकाई और सशक्त समिति की देखरेख में होगा. सरकार का मानना है कि इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी और राज्य का औद्योगिक ढांचा बेहतर होगा.
प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने बताया कि वर्ष 2015 की तुलना में बीते वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उस समय केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, जो अब बढ़कर लगभग 300 हो चुकी हैं. उत्पादन 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. मोबाइल फोन निर्यात भी 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा है.
कैबिनेट बैठक में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे से जुड़े प्रावधानों पर भी निर्णय लिया गया. विभाजन विलेख पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस को अधिकतम 5,000 रुपये तक सीमित करने का फैसला किया गया है. इसका उद्देश्य संपत्ति विवादों को कम करना और पारिवारिक बंटवारे की प्रक्रिया को सरल बनाना है.