पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एसआईआर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है. यह सत्र 1 से 4 सितंबर तक चलेगा, जिसमें कई अहम प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बीजेपी शासित राज्यों में बंगालियों के साथ कथित अत्याचार के मुद्दे पर सेंसर मोशन ला सकती है. साथ ही चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ भी विधानसभा में प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी है. बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष पहले ही नाराजगी जता चुका है और अब आशंका जताई जा रही है कि चुनाव आयोग बंगाल में भी विधानसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर सकता है.
ममता बनर्जी पहले भी अन्य राज्यों में बंगालियों के साथ हो रहे भेदभाव पर बीजेपी को घेर चुकीं हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि वे ‘बंगालियों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगी और जहाँ-जहाँ बंगालियों के साथ अन्याय होगा, वहाँ आवाज़ उठाएंगी और बीजेपी को जवाब देना पड़ेगा.’
वहीं दूसरी तरफ बिहार में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अपने अंतिम चरण में है. खबरों के अनुसार इस रैली के अंतिम चरण में विपक्ष के साथ एकजुट होते हुए टीएमसी नेता यूसुफ पठान और ललितेश त्रिपाठी शामिल होंगें और जनता के बीच अपनी पार्टी का रिप्रेजेंटेशन करेंगे.