अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी व्यापारिक नीतियों को लेकर बड़ा कानूनी झटका लगा है. अमेरिका की एक संघीय अपीली अदालत ने शुक्रवार को ट्रम्प द्वारा लगाये गयी टैरिफ को गैरकानूनी बता दिया है. कोर्ट के इस निर्णय को ट्रंप की विदेश व्यापार रणनीति पर गंभीर चोट के रूप में देखा जा रहा है. और माना जा रहा है कि यह मामला अब अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सकता है. ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान टैरिफ को विदेश नीति का एक प्रमुख औजार बना लिया था. उनका तर्क था कि शुल्कों के ज़रिए वे दूसरे देशों को नई व्यापारिक शर्तों के लिए मजबूर कर सकते हैं. और अमेरिका के पक्ष में सौदे करवा सकते हैं.
भारत सहित कई देशों ने अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी जिसका असर अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर हुआ था. अब जब कोर्ट ने इन शुल्कों को अवैध करार दिया है, तो ट्रंप की नीति की वैधता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
अदालत का बड़ा फैसला, ट्रंप के टैरिफ को बताया नियमों के खिलाफ
अमेरिकी अदालत ने साफ कहा है कि राष्ट्रपति को आपातकाल के दौरान कुछ खास कदम उठाने की अनुमति जरूर होती है. लेकिन उन्हें टैक्स या टैरिफ (शुल्क) लगाने का अधिकार नहीं दिया गया है. अदालत के मुताबिक, ट्रंप ने इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट के नियमों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया. हालांकि, अदालत ने टैरिफ को अक्टूबर के मध्य तक जारी रहने का समय दिया ताकि ट्रंप प्रशासन इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सके.
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट में एक और कानूनी लड़ाई शुरू होने वाली है. ऐसे में ट्रंप की आर्थिक नीतियों को लेकर इस साल बड़ी कानूनी चुनौती खड़ी हो गई है.
ट्रम्प ने जताई कोर्ट के फैसले पर असहमति
अमेरिकी अदालत के फैसले से असहमति जताते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा बयान दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि सभी टैरिफ पहले की तरह लागू रहेगा. और कोर्ट का फैसला पूरी तरीके से एकतरफा है. ट्रंप ने आरोप लगाया कि अपीली अदालत ने गलती से यह फैसला दिया है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि आखिरी जीत अमेरिका की ही होगी.
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन टैरिफ को हटाया गया. तो यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा झटका होगा. उनके अनुसार, टैरिफ ही वह रास्ता है जिससे अमेरिका विदेशी व्यापार में हो रहे नुकसान और अनुचित व्यापारिक शर्तों से लड़ सकता है.
ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका अब और व्यापार घाटा तथा दूसरे देशों के अनुचित टैक्स और नियमों को बर्दाश्त नहीं करेगा चाहे वे देश अमेरिका के सहयोगी हों या विरोधी. उन्होंने साफ कहा कि ये टैक्स अमेरिका के किसानों, फैक्ट्रियों और काम करने वालों को मजबूत बनाने के लिए ज़रूरी हैं.
क्यों ट्रेंड कर रहा है ‘#Trump is Dead’ ?
इस बीच सोशल मीडिया पर अचानक ‘Trump is Dead’, “Trump Died” और “Donald Trump Death” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. इस दौरान व्हाइट हाउस के पास एम्बुलेंस दिखाने वाली असत्यापित क्लिप्स भी वायरल हुईं, हालांकि ये पूरी तरह अफवाह साबित हुईं. इन चर्चाओं की शुरुआत मीम्स, पैरोडी पोस्ट और व्यंग्यात्मक संदर्भों से हुई थी, लेकिन हाल के सार्वजनिक कार्यक्रमों में ट्रंप की अनुपस्थिति और उनकी ज्ञात स्वास्थ्य समस्याओं ने अटकलों को और हवा दी. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के उत्तराधिकार पर दिए बयान ने भी इस चर्चा को और गहरा किया, जब उन्होंने कहा कि पिछले 200 दिनों का अनुभव उन्हें राष्ट्रपति पद संभालने के लिए तैयार कर चुका है. इसी बीच सैन डिएगो कॉमिक-कॉन में द सिम्पसन्स के निर्माता मैट ग्रोएनिंग ने मजाक में कहा कि शो शायद ट्रंप की मौत के बाद ही खत्म होगा. स्वास्थ्य की बात करें तो अप्रैल की रिपोर्ट में ट्रंप को “पूरी तरह स्वस्थ” घोषित किया गया था, लेकिन बाद में उनकी तस्वीरों में हाथों पर चोट और टखनों में सूजन देखी गई. डॉक्टरों ने इसे क्रोनिक वेनस इनसफीशिएंसी (CVI) बताया, जो वृद्ध लोगों को प्रभावित करने वाली एक सामान्य समस्या है, जिसमें नसें रक्त को हृदय तक सही ढंग से पंप करने में विफल हो जाती हैं.