अमेरिकी प्रशासन ने इन दिनों सस्ते रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. न सिर्फ पहले अमेरिका ने इसके लिए भारत पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, बल्कि अमेरिकी प्रशासन लगातार भारत पर कड़ी टिप्पणियां भी कर रहा है. ट्रंप के व्यापारिक सलाहकार पीटर नवारो ने पिछले दिनों भारत को ‘टैरिफ का महाराज’ करार देते हुए भारत पर रूसी तेल के आयात से भारी मुनाफाखोरी करने का आरोप तक लगाया था.
अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के आरोपों पर पलटवार किया है. शनिवार को इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका के इन आरोपों का दो टूक जवाब दिया है.
जयशंकर का दो टूक जवाब
एस. जयशंकर सस्ते रूसी तेल खरीदने के सवाल पर जवाब देते हुए बोलें कि ‘यह हास्यास्पद है कि अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करने वाले व्यापार समर्थक लोग दूसरों पर व्यापार करने के लिए आरोप लगा रहे हैं. अगर आपको भारत से ऑयल या रिफाइंड प्रोडक्ट खरीदने में कोई परेशानी है, तो मत खरीदें. इसके लिए कोई आपको मजबूर नहीं कर रहा है. यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है. इसलिए अगर आपको नहीं पसंद है, तो मत खरीदें.’
किसानों के हितों की रक्षा के लिए हम अडिग
इसके साथ उन्होनें यह भी कहा कि ‘व्यापार की कुछ सीमाएं हैं, जिनका पालन होना चाहिए. हमारे लिए प्राथमिक रूप से हमारे किसान और छोटे उत्पादक महत्वपूर्ण हैं. इस मामले में हम पीछे नहीं हठ सकते. हमारी सरकार देश के किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए अडिग है. हम इसे लेकर दृढ़ हैं.’ जयशंकर ने कहा कि यह कुछ ऐसा है, जिस पर हम समझौता नहीं कर सकते.