उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बड़ी हलचल दिख रही है. सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘समाजवादी पार्टी के पाले हुए माफिया मेरी हत्या करा सकते हैं’ जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर स्वतंत्र जांच की मांग कर दी साथ ही समाजवादी पार्टी ने कहा कि ‘स्पष्ट होना चाहिए कि कौन जान की धमकी दे रहा है’ समाजवादी पार्टी ने ये दांव चल कर पूजा पाल को बैकफुट पर लाने की कोशिश की क्योंकि केन्द्र औऱ उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और पूजा पाल के बारे में माना जा रहा है कि उन्होने बीजेपी के पक्ष में ही क्रास वोटिंग की थी.
क्यों बिगड़े पूजा पाल के समाजवादी पार्टी से रिश्ते?
2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर कौशांबी जिले के चायल से विधायक चुनी गईं पूजा पाल की पार्टी से ज्यादा दिन तक नहीं बन पाई. समाजवादी पार्टी और पूजा पाल के रिश्ते तब खराब होना शुरू हुए जब साल 2024 में हुए राज्यसभा के चुनाव में पूजा पाल द्वारा क्रॉस वोटिंग की खबरें आई. इसके बाद कई मंचों से पूजा पाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की. जिससे ये दिखने लगा कि पूजा पाल की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही है. साल 2025 में समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को निष्काषित कर दिया. जिसमें पूजा पाल भी शामिल थीं, जिसके बाद पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी पर ताजा आरोप लगाया.
कौन हैं पूजा पाल?
पूजा पाल का राजनीतिक सफर 2005 में उनके पति राजू पाल की हत्या के बाद शुरू हुआ. राजू पाल की हत्या का आरोप इलाहाबाद के कुख्यात माफिया नेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर लगा. पति की विरासत संभालने राजनीति में उतरीं पूजा पाल 2007 में बीएसपी के टिकट पर विधायक बनीं. लेकिन बाद में उन्हे सफलता नहीं मिली. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से जुड़ी और विधायक बनीं.
आरोप लगाने के क्या है मायने ?
ये कोई पहला मौका नहीं है जब पूजा पाल ने सपा पर आरोप लगाया हो, जब राजू पाल की हत्या हुई थी तब भी पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया था. पूजा पाल लंबे समय तक बीएसपी से जुड़ी रहीं. लेकिन 2017 के बाद यूपी की राजनीति में बीएसपी का प्रभाव सिमटने लगा तो 2022 में पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा और एक बार फिर विधायक बनीं. अब पूजा पाल समाजवादी पार्टी पर आरोप लगा रही हैं लेकिन कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
पूजा पाल के आरोप पर खड़े होते सवाल
पूजा पाल कुछ समय पहले तक माफिया नेता अतीक अहमद से अपनी जान को खतरा बताती थीं लेकिन अब अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या हो चुकी है. अतीत में पूजा पाल अतीक अहमद का नाम लेकर हत्या का आरोप लगाती रही हैं तो इस बार जिनसे उनकी जान को खतरा है उसका नाम क्यों नहीं ले रहीं ? अतीक अहमद समाजवादी पार्टी में भी रह चुके थे तो ये जानते हुए पूजा पाल ने 2022 में सपा का रूख क्यों किया? क्या सपा से पाल बिरादरी को तोड़ने के लिए पूजा पाल ये आरोप लगा रहीं हैं?
ये कुछ सवाल हैं जो पूजा पाल के आरोप के जवाब में समाजवादी पार्टी पूछ रही हैं.
राजनीति में आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं, लेकिन पूजा पाल अपने आरोपों के समर्थन में कोई आधार नहीं दे रही हैं. इसलिए एक तबका पूजा पाल के आरोपों को राजनीतिक स्टंट मान रहा है.