नेपाल में गहराये राजनीतिक संकट और भीषण हिंसा से वहां के हालात पूरी तरह बिगड़ चुके हैं. सड़कों पर हो रही हिंसक झड़पों,अराजकता और कर्फ्यू के बीच सबसे ज़्यादा मुश्किलों का सामना उन भारतीयों को करना पड़ रहा है, जो कैलाश मानसरोवर और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा पर गए थे. इनमें बड़ी संख्या तेलुगु समुदाय की है.
10 सितंबर 2025 को काठमांडू, पोखरा, नेपालगंज और चीन सीमा के पास हुई हिंसक घटनाओं में करीब 200 तेलुगु लोग फंस गए थे, जिसकी जानकारी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू तक पहुंची. उन्होंने मामले में कार्रवाई करते हुए , राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश को स्थिति की निगरानी और राहत कार्यों का ज़िम्मा सौंपा.
काठमांडू पहुंचे इंडिगो चार्टर विमान ने यात्रियों को निकाला सुरक्षित
नेपाल में फंसे लोगों की मदद करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री लोकेश ने विदेश मंत्रालय से संपर्क साधते हुए त्वरित रेस्क्यू अभियान चलाया. इस मिशन में काकीनाडा सांसद बाबू साना सतीश, विमानन उद्योगपति कमल सिंघला और समाजसेवी क्षितिज दीवान सिंह ने सहयोग किया. इंडिगो का चार्टर विमान (1250) दिल्ली से काठमांडू भेजा गया और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया. वहीं, आंध्र भवन (नई दिल्ली) हेल्पलाइन (+91 9818395787) और APNRTS हेल्पलाइन (0863 2340678) ने लगातार लोगों से संपर्क बनाये रखा.
नेपाल में क्या हैं हालात ?
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफ़े के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है और चारों ओर अराजकता का माहौल है. खबरों के अनुसार वहां जल्द अंतरिम सरकार गठित होने वाली है. जब तक पड़ोसी देश नेपाल में हालात सामान्य नहीं हो जाते , तब तक यह भारत के लिए भी चिंता की बात रहेगी. फिलहाल अभी भारत सरकार वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का कार्य कर रही है.