हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार बरसात से उफान पर आई व्यास नदी अब तबाही का कारण बन चुकी है. नदी का देखते हुए आसपास बसे गांवों में दहशत का माहौल है. कुल्लू जिले के पतलीकोहुल कस्बे की ओर बढ़ते पानी से ग्रामीण बेहद चिंतित हैं.
शनिवार सुबह से ही मनाली में बारिश तेज हो गई थी, जिससे हालात और बिगड़ गए. नदी के उफान में कई दुकानें और इमारतें बह गईं, सड़क-मार्ग बाधित हो गया है और खेतों को भी भारी नुकसान हुआ है. कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ी है.
सबसे ज्यादा नुकसान नगर ग्राम पंचायत में हुआ, जहां व्यास नदी में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पूरी तरह ढहकर पानी में समा गया. नदी का तेज बहाव इतना भयावह था कि मकान और दुकानें ताश के पत्तों की तरह गिरते चले गए. स्थानीय लोग अभी भी सदमे में हैं.
हालांकि अब पानी का स्तर थोड़ा घटा है, लेकिन तीन गांवों पर अभी भी खतरा बना हुआ है.बेली ब्रिज के आगे का हिस्सा बह जाने के कारण नदी पुल के बगल से बह रही है, जिससे स्थिति और नाजुक हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 जून से 30 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में वर्षाजनित आपदाओं से 320 लोगों की जान गई है और 40 लोग अब भी लापता हैं. इस दौरान 800 से ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त होकर बंद हो चुकी हैं. मनाली शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में हालात अभी सामान्य होने से काफी दूर हैं.