लखनऊ : भारतीय बाल अकादमी (आईएपी) के नियोकोन के नियोनेटोलॉजी स्पेशिलिटी चैप्टर का 16वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 22 से 24 अगस्त तक राजधानी लखनऊ के एक प्रतिष्ठित होटल में आयोजित किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण आयोजन से पहले बुधवार को उसी स्थल पर मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें आयोजन की रूपरेखा और उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
आईएपी का उद्देश्य और योगदान
मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए आईएपी उत्तर प्रदेश शाखा के पूर्व अध्यक्ष और सम्मेलन के मुख्य आयोजन चेयरमैन डॉ. संजय निरंजन ने बताया कि आईएपी 60 वर्षों से भारत में बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संगठन है. लगभग 48 हजार बाल रोग विशेषज्ञ इसके सदस्य हैं, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संगठन बनाते हैं. यह संगठन बच्चों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य सुधार के लिए WHO, यूनिसेफ, एनएचएम, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहा है.
उत्तर प्रदेश में बाल स्वास्थ्य की स्थिति
भारतीय बाल अकादमी लखनऊ शाखा की अध्यक्ष डॉ. शालिनी भसीन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ बच्चों पर मात्र 2500 बाल रोग विशेषज्ञ हैं, जो बेहद कम है. उन्होंने कहा कि राज्य में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में सुधार तो हुआ है, लेकिन नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में अपेक्षित कमी नहीं आई है.
सम्मेलन का उद्देश्य और विषय
कार्यशाला में उपस्थित डॉ. शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि नियोनेटोलॉजी स्पेशिलिटी चैप्टर 16 वर्ष पहले एनएमआर को कम करने के उद्देश्य से शुरू हुआ था. इस वर्ष सम्मेलन “नवजात शिशु सम्बन्ध: विज्ञान, प्रोद्योगिकी और देखभाल का सेतु” विषय पर आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन का उद्देश्य नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने तथा जीवित बचे बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी रणनीतियों की योजना तैयार करना है.
कार्यशालाएं और विशेषज्ञों की भागीदारी
आयोजन सचिव डॉ. आकाश पंडिता ने बताया कि 22 अगस्त को केजीएमयू, एसजीपीजीआई, कमांड हॉस्पिटल, मेदांता, एरा, अपोलो मेडिक्स और हेल्थ सिटी सहित कई संस्थानों में सात कार्यशालाएं आयोजित होंगी. इनमें नवजात हीमो डायनेमिक, नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन, कंगारू मदर केयर, नवजात नर्सिंग और क्रिटिकल केयर जैसे विषय शामिल होंगे. इन कार्यशालाओं में देश के विभिन्न राज्यों व सात अन्य देशों से लगभग 800 बाल रोग विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे.
उद्घाटन और प्रमुख चर्चा बिंदु
सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 23 अगस्त की शाम मुख्य सचिव, स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश एवं आईएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत खालाटकर द्वारा किया जाएगा.
सम्मेलन में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा होगी –
- नवजात पुनर्जीवन के लिए सर्वाइवल तकनीक
- कम वजन के बच्चों के लिए कंगारू मदर केयर और स्तनपान
- एनीमिया मुक्त भारत
- कुपोषण निवारण
- टीकाकरण एवं अन्य रणनीतियाँ
- चिकित्सा संस्थानों का डिजिटलीकरण
- रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण
- रोगियों का तीव्र एवं सुरक्षित संदर्भन
आयोजन समिति
मुख्य आयोजन अध्यक्ष डॉ. संजय निरंजन, आयोजन सचिव डॉ. आकाश पंडिता और उपमुख्य आयोजन अध्यक्ष डॉ. निरंजन कुमार सिंह के मार्गदर्शन में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इस अवसर पर डॉ. शालिनी त्रिपाठी, सलमान खान और डॉ. टी. आर. यादव सहित कई विशेषज्ञों ने मीडिया से संवाद किया.