बरेली में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी के घर के बाहर हुई गोलीबारी का मामला अब और पेचीदा होता जा रहा है. बुधवार शाम STF और गाजियाबाद पुलिस ने मुठभेड़ में दो शूटरों – रविंद्र (रोहतक) और अरुण (सोनीपत) – को मार गिराया. दोनों सीधे-सीधे रोहित गोदारा गैंग से जुड़े थे, लेकिन पुलिस के मुताबिक ये बस “एक्जीक्यूशन लेवल” पर थे. असली प्लानिंग, टारगेट चुनना और पूरी मॉनिटरिंग गैंग के बड़े चेहरे कर रहे थे, जो फिलहाल फरार हैं.
इस हमले की जिम्मेदारी पहले ही रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग ने सोशल मीडिया पर ले ली थी, जिसने पूरे केस को हाई-प्रोफाइल क्रिमिनल साजिश बना दिया है. पुलिस ने अब चार आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ इनाम घोषित किया है. शुरुआत में हर आरोपी पर ₹25,000 का इनाम था, जो बढ़ते-बढ़ते अब ₹1 लाख तक पहुंच गया है. इनमें मुख्य शूटर रविंद्र और अरुण हैं, जबकि नकुल (बागपत) और विजय तोमर (बाइक चलाने वाला) भी शामिल बताए जा रहे हैं.
दो और नाम आये सामने
जांच में दो और नाम सामने आए हैं – वीरेंद्र चरन और महेंद्र सरन. कहा जा रहा है कि ये गोल्डी बरार गैंग से जुड़े हैं और शायद विदेश में या किसी दूसरे राज्य में छुपे हुए हैं. पुलिस इनकी तलाश में इंटरपोल नोटिस और डिजिटल ट्रेसिंग जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं का इस्तेमाल भी कर सकती है.
STF और यूपी पुलिस लगातार हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में छापेमारी कर रही है. साथ ही गैंग के सोशल मीडिया और क्रिप्टो नेटवर्क्स की मॉनिटरिंग भी हो रही है, ताकि फंडिंग और लोकेशन का पता चल सके. पुलिस सूत्रों का दावा है कि अगले कुछ हफ्तों में और गिरफ्तारियां तय हैं.
कौन है गोल्डी बरार
गोल्डी बरार, जो कनाडा में बैठकर गैंग चला रहा है, दरअसल ये लॉरेंस बिश्नोई गैंग का बड़ा चेहरा है. असली नाम सतिंदरजीत सिंह, पंजाब के मुक्तसर का रहने वाला है. उस पर सिद्धू मूसेवाला मर्डर का आरोप है और भारत सरकार ने उसे आतंकवादी घोषित कर उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी रखा हुआ है.