लखनऊ– उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने सख्त कार्रवाई करते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारी नृपेंद्र बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया है. यह कदम हमारे उस वायरल YouTube वीडियो के बाद उठाया गया, जिसमें जमीन आवंटन में पैसों के लेन-देन के गंभीर आरोप लगाए गए थे.
सूचना के अनुसार, Indian Press House के YouTube हैंडल से प्रसारित वीडियो (जिसमें सबूत के तौर पर दो ऑडियो क्लिप शामिल थे) तेजी से वायरल हुए. इन क्लिप्स में जमीन आवंटन से जुड़े कथित भ्रष्टाचार की बातें सामने आईं. प्राथमिक जांच में एक आवाज नृपेंद्र बहादुर सिंह से मिलती-जुलती पाई गई, जिससे परिषद की छवि को ठेस पहुँची है.

परिषद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नृपेंद्र बहादुर सिंह, जो गाजियाबाद में प्रशासनिक अधिकारी (संपत्ति प्रबंधन) पद पर तैनात थे और वर्तमान में परिषद मुख्यालय लखनऊ में कार्यरत थे, को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि में उन्हें केवल नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, अन्य भत्तों पर रोक रहेगी.
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सिंह की कार्यशैली उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद सेवा विनियमावली, 1966 के प्रावधानों का उल्लंघन करती है. इसमें कर्तव्य की उपेक्षा, अधिकारों का दुरुपयोग और अधिकारी आचरण संहिता का उल्लंघन शामिल है.
निष्पक्ष जांच के लिए उप आवास आयुक्त (भूमि), लखनऊ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि क्षेत्रीय आयुक्त, मेरठ जोन को आरोपपत्र तैयार करने और साक्ष्य उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है. परिषद ने निर्देश दिया है कि जांच की कार्यवाही एक माह के भीतर पूरी की जाए.
भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू हुए इस मुहिम पर Indian Press House की यह एक महत्वपूर्ण जीत है. हम आगे भी अपने इस मुहिम को मजबूती से जारी रखेंगे.