हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक वीरू सिंह की अनुपस्थिति में उनके ड्राइवर राम सहाय बच्चों को पढ़ाते हुए पाए गए। यह खुलासा उस समय हुआ जब अधिकारियों ने अचानक स्कूल का निरीक्षण किया।
जानकारी के मुताबिक, स्कूल में कुल तीन शिक्षक तैनात हैं। निरीक्षण वाले दिन एक शिक्षक छुट्टी पर था, प्रधानाध्यापक खुद स्कूल में मौजूद नहीं थे और केवल एक शिक्षक ही कक्षा में पढ़ा रहा था। इस बीच, 79 बच्चों की एक कक्षा का जिम्मा ड्राइवर ने संभाल रखा था।
जैसे ही मामला सामने आया, बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) आलोक सिंह ने प्रधानाध्यापक वीरू सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए। आलोक सिंह का कहना है कि जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि ड्राइवर वास्तव में पढ़ा रहा था या केवल बच्चों के साथ मौजूद था।
इस घटना ने न सिर्फ हमीरपुर जिले, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की कार्यशैली पर बहस छेड़ दी है। लोगों का सवाल है कि जब पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रशिक्षित शिक्षकों की है, तो ड्राइवर को यह भूमिका निभाने की नौबत क्यों आई? मामला ऐसे समय में सामने आया है जब राज्य में पहले से ही स्कूलों के पेयरिंग सिस्टम को लेकर काफी आलोचना हो रही है।