गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर शहर में स्थित एक नशामुक्ति केंद्र से लापरवाही और बर्बरता का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. परिवार का आरोप है कि उनके बेटे को सुधारने और नशे से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां उसे देखभाल के बजाय अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ा.
परिजनों के अनुसार, जब भी वे बेटे से मिलने जाते, केंद्र में मौजूद आपराधिक प्रवृत्ति के लोग उन्हें रोक देते और मुलाकात की अनुमति नहीं देते. तीन महीने तक इसी तरह की स्थिति बनी रही. अचानक परिवार को सूचना मिली कि युवक तीसरी मंजिल की छत से गिर गया है. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां वह फिलहाल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रोड स्थित रचित अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती है.
परिवार ने लगाया गंभीर आरोप
परिवार का कहना है कि नशामुक्ति केंद्र में लठैतों का दबदबा है, जो मरीजों पर अत्याचार करते हैं. उनके मुताबिक, बेटे को भी इसी तरह की प्रताड़ना का शिकार बनाया गया और हादसे की कहानी गढ़कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.
पुलिस पर लीपापोती के आरोप
परिजनों ने पुलिस पर भी मामले की लीपापोती का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो दोषी बच निकलेंगे. उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.