गाज़ा पट्टी में इज़राइली कब्जे के अभियान के साथ हालात दिन-प्रतिदिन और गंभीर होते जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गाज़ा इस समय अभूतपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रहा है. भोजन की कमी और युद्ध की तबाही के बीच लाखों लोग भूख और बीमारी से जूझ रहे हैं. हाल की इज़राइली सैन्य कार्रवाइयों ने इस संकट को और भी भयावह बना दिया है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल की आलोचना जारी है, लेकिन इसके बावजूद वह गाज़ा पर अपने अभियान को लगातार अंजाम दे रहा है.
अकाल की आधिकारिक घोषणा
विश्व खाद्य संकट निगरानी संस्था IPC ने पहली बार गाज़ा में अकाल (famine) की आधिकारिक घोषणा की है. संस्था के मुताबिक, जुलाई से अगस्त 2025 के बीच किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि गाज़ा की लगभग 25% आबादी, यानी करीब आधा मिलियन लोग, भूखमरी के कगार पर हैं. बच्चों और बुज़ुर्गों में कुपोषण और मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में केवल भूख और कुपोषण से 10 और लोगों की जान गई है, जिससे मौतों की कुल संख्या 300 से अधिक हो चुकी है.
गाजा पर इजरायली कब्जा
20 अगस्त से इज़राइल ने गाज़ा सिटी पर अपना व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया. टैंकों, तोपों और हवाई हमलों ने शहर के बड़े हिस्से को मलबे में बदल दिया है. इज़राइल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर हमास आत्मसमर्पण नहीं करता, तो गाज़ा सिटी को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा. इस हमले की वजह से हजारों परिवार बेघर हो चुके हैं और राहत केंद्र भी असुरक्षित हो गए हैं.
खान यूनिस में सैन्य अभियान 26 मई 2025 से जारी है और इसे Operation Gideon’s Chariots नाम दिया गया है. इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) का का कहना है कि वो खान यूनिस में हमास के अंडरग्राउंड टनल्स, ठिकानों और कमांड नेटवर्क को ध्वस्त करेगी.
इजरायली रक्षा मंत्री ने हाल ही में घोषणा की कि IDF ने गाज़ा के “बड़े क्षेत्रों” पर कब्ज़ा कर लिया है. यह कदम पहले से बने सुरक्षा ज़ोन को और बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है. कब्ज़े वाले इलाकों में बचाव दलों की निकासी और मानवीय साझेदारों की गतिविधियों पर भी नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है.
सेना प्रमुख का बयान
इज़राइली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आयल ज़मिर ने कहा कि “हमने गाज़ा में वह स्थिति बना दी है जिससे बंधकों की रिहाई की संभावना पैदा होती है… अब यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के हाथ में है.” उन्होंने चेतावनी भी दी कि गाज़ा सिटी का अधिग्रहण बंधकों की जान के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है.