आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में लंबे समय से दहशत का नाम रहे कुख्यात अपराधी शंकर कनौजिया का खौफनाक सफर आखिरकार खत्म हो गया. शंकर के ऊपर एक नहीं बल्कि कई आपराधिक मामले दर्ज थे. जिनके लिए पुलिस उसे काफी वक्त से तलाश कर रही थी. शनिवार की सुबह सुबह UP STF की वाराणसी यूनिट ने आजमगढ़ के जहानागंज थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के दौरान उसका खात्मा कर दिया. लंबे समय से फरार चल रहे शंकर कनौजिया पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था.
कैसे हुआ दहशत का अंत?
जानकारी के मुताबिक STF को 23 अगस्त को सूचना मिली थी कि शंकर अपने गिरोह के साथ किसी बड़ी वारदात की फिराक में है. निरीक्षक पुनीत सिंह परिहार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घेराबंदी की. जब शंकर पुलिस टीम के करीब पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की. लेकिन खुद को चारों तरफ से घिरा देख शंकर कनौजिया ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. आत्मरक्षा में पुलिस टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में शंकर गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौके से पुलिस ने शंकर के पास से एक 9 एमएम कारबाइन, एक 9 एमएम की पिस्टल, एक खुखरी और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया.
सिर काट कर करता था हत्या
कुख्यात अपराधी शंकर कनौजिया का आपराधिक इतिहास बेहद खौफनाक रहा है. साल 2011 में दोहरीघाट क्षेत्र में लूट के दौरान उसने विंध्याचल पांडे नामक व्यक्ति की हत्या कर गला काटकर सिर गायब कर दिया था. इसके बाद से ही वो फरार हो गया. लेकिन फरार होने के बाद भी उसकी गतिविधियां रूकी नहीं बल्कि वो लगातार वारदातों को अंजाम देता रहा. जुलाई 2024 में उसने महाराजगंज निवासी शैलेंद्र सिंह का अपहरण कर लोडर गाड़ी लूट ली और हत्या के बाद उनका सिर भी गायब कर दिया.
शैलेंद्र सिंह की हत्या के बाद ही पुलिस ने उस पर एक लाख का इनाम घोषित किया था. पुलिस अब उसके गिरोह के दूसरे सदस्यों की तलाश कर रही है.