विकसित भारत की ओर बढ़ते देश में आज भी कई इलाके ऐसे हैं जो बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इन्ही में से एक है अम्बेडकरनगर जिले का डंडारी गांव. जहां टौंस नदी पर बना ये लड़की का पुल ही स्थानीय लोगों के लिए आवागमन का एकमात्र साधन है. लकड़ी का पुल भी वर्षों से जर्जर हालत में है. इस पुल से आना जाना जोखिम भरा है लेकिन लोग मजबूर हैं. यहां तक की स्कूल जाने वाले छोट छोटे बच्चे भी इसी पुल से स्कूल जाते और आते हैं. कई बार लोग दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं. बारिश के मौसम में ये पुल और भी खतरनाक हो जाता है.
कई बार ग्रामीण इस नदी पर पुल बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन आज तक पुल नहीं बना. करीब 20 गांव की आबादी पुल न होने से प्रभावित हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पक्का पुल नहीं बनेगा, तब तक हादसे होते रहेंगे. यह जरूरी है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे को गंभीरता से लें और पक्का पुल बनवाएं.
सपा नेता सिद्धार्थ मिश्रा स्थानीय ग्रामीणों के साथ पक्के पुल की मांग में शामिल हुए. उन्होने प्रशासन से इस पुल को बनाने की मांग की. उनका कहना है कि ‘टौंस नदी पर पुल नहीं होने से लगभग 20 गांवों के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस जर्जर पुल पर जान जोखिम में डाल कर आने जाने को मजबूर हैं. हर दूसरे दिन कोई ना कोई दुर्घटना होती रहती है. इस पुल के लिए एक नहीं अनेक बार जिला प्रशासन से मांग की गई है. लेकिन प्रशासन कोई सूध नहीं ले रहा है. एक तरफ बीजेपी सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है दूसरी तरफ यहां के लोग हैं जो एक पुल के लिए सालों से उम्मीद लगाए बैठे हैं. पता नहीं उनकी अर्जी ये सरकार कब सुनेगी?’