दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम समेत 7 लोगों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी. उमर खालिद के अधिवक्ता त्रिदीप पैस ने कोर्ट से कहा कि ‘बिना मैसेज भेजे व्हाटसएप ग्रुप में जुड़े होना कोई अपराध नहीं है. ये भी कहा गया कि वह पहले ही 4 वर्षों से कस्टडी में हैं’.
दूसरे आरोपी शरजील इमाम के वकील ने कहा कि ‘दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए किसी भी तरह के षडयंत्र या षडयंत्रकारी बैठकों का हिस्सा नहीं रहा है’.
वहीं अभियोजन पक्ष की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ‘दंगों के लिए सुनियोजित साजिश रची गई थी. उन्होने ये भी कहा कि ये भारत को बदनाम करने की साजिश थी’. उन्होने ये भी कहा कि ‘यदि आप राष्ट्र के विरुद्ध कुछ कर रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप बरी या दोषी होने तक जेल में रहें’
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलिंदर कौर की बेंच ने फैसला सुनाया और जमानत याचिका खारिज कर दी. इस मामले में ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा उर रहमान, आसिफ इकबाल, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मो सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल आरोपी हैं.