उत्तराखंड: चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में गुरूवार की देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई. सुबह जब लोगों ने देखा जो पूरा जर बदल गया था. चारों तरफ मलबा और बर्बादी के निशान थे. मोपाटा गांव में अचानक आई आपदा के कारण मलबा लोगों के घरों और खेतों में घुस गया.
भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे चटवा पीपल के पास पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे यातायात बंद हो गया है. जगह-जगह मलबा और सड़क टूटने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
इस घटना में अब तक 2 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. जबकी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं. वहीं दो लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस हादसे में करीब 35 मवेशियों की भी मौत हो गई है और सैकड़ों हेक्टेयर जमीन बर्बाद हो गई.
चमोली के अलावा रुद्रप्रयाग जिले में भी बादल फटने की खबर है. वहां टेंडवाल गांव में मलबे में दबने से एक महिला की मौत हो गई और 18 से 20 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
चमोली के जिलाधिकारी ने बताया कि राहत और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंच गए हैं और युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आपदा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन लगातार प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हैं.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की स्थिति की समीक्षा
उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस आपदा पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए एक्स पर जानकारी दी कि ‘शासकीय आवास पर आपदा प्रबंधन से संबंधित बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनपद रुद्रप्रयाग के तहसील बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक, जनपद चमोली के देवाल क्षेत्र एवं नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की.’
हाल के दिनों में बादल फटने की घटनाओं में तेजी आई है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आ चुकी है. पर्यावरणविद इस पैटर्न पर गहरी चिंता जता रहे हैं. इन घटनाओं में जान माल का काफी नुकसान हुआ है.