BRS से निलंबित होने के बाद के कविता ने पार्टी के खिलाफ अपना रूख और कड़ा कर दिया है. मंगलवार को उन्हे पार्टी से निलंबित किया गया था जिसके बाद बुधवार को कविता ने विधान परिषद और पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद कविता ने अपने चचेरे भाई हरीश राव और संतोष का नाम लेते हुए कहा कि ‘मेरे ही करीबी लोग अब मेरा साथ नहीं दे रहे हैं. मेरा निलंबन एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. जिसका मकसद पूरे बीआरएस संगठन पर नियंत्रण हासिल करना है’. उन्होंने अपने पिता और पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर राव से अनुरोध किया कि वे अपने आस-पास चल रही गतिविधियों पर ध्यान दें. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पिता केसीआर और भाई के साथ उनके रिश्तों को लेकर कुछ लोग गलत बातें फैला रहे हैं. कविता का कहना है कि विरोधी यही चाहते हैं कि उनका परिवार टूट जाए.
मीडिया में बयान देता पड़ा कविता को भारी
के. कविता पिछले कुछ समय से पार्टी के रवैये और निर्णयों को लेकर मीडिया में खुलकर बयान देती रही हैं. 2023 में विधानसभा चुनावों में BRS की हार के बाद, उन्होंने पार्टी के आंतरिक मामलों पर कई बार सवाल उठाए. इसके अलावा उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ पार्टी की संभावित नजदीकी पर भी आपत्ति जताई थी. इन सभी बयानों और गतिविधियों को पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए गंभीरता से लिया. एक रिपोर्ट के अनुसार, कविता ने पहले ही पार्टी से अलग होने के संकेत दे दिए थे. अब आधिकारिक तौर पर उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है.
क्या कांग्रेस में जाएंगी के कविता ?
कविता पार्टी की एक चर्चित और मजबूत महिला चेहरा रही हैं. खासकर ग्रामीण और महिला वोटरों में उनकी पकड़ थी. ऐसे में उनका पार्टी से बाहर जाना BRS के लिए चुनावी नुकसान का कारण बन सकता है. खासकर अगर वो किसी और पार्टी से जुड़ती हैं या नया मोर्चा बनाती हैं. हालांकि अभी के कविता ने साफ किया है कि वो किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगी. लेकिन तेलंगाना में इस बात की चर्चा है कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकती है. क्योंकि पार्टी के भीतर जिन कारणों को लेकर उनके मतभेद की चर्चा हो रही है उसमें एक है बीआरएस का बीजेपी के प्रति नरम रूख अपनाना.