जगदीप धनकड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. सबकी नजर इस बात पर टिकी थी कि बीजेपी एनडीए की तरफ से किसे उम्मीदवार बनाएंगी. चर्चा इस बात को लेकर भी थी कि जिसे भी अगला उम्मीदवार बनाया जाए वो बीजेपी की ही पृष्टभूमि से हो. रविवार को भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन के नाम की घोषणा की. जिसके बाद राधाकृष्णन के बारे में चर्चाएं शुरू हो गईं. राधाकृष्णन राजनीति से जुड़े तो रहे हैं लेकिन मीडिया से दूर ही रहते हैं. जानते हैं उनके राजनीतिक सफर के बारे में.
तमिलनाडु के तिरुपुर के रहने वाले 1974 में जनसंघ से जुड़ कर राजनीतिक सफर शुरू किया
1996 में भाजपा की तमिलनाडु इकाई के सचिव
1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने
2004–2007 तमिलनाडु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
तमिलनाडु अध्यक्ष रहते हुए 93 दिन में 19,000 किमी रथयात्रा निकाली
2016–2019: अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष (MSME मंत्रालय)
2020 से 2022 तक केरल भाजपा के प्रभारी
2023 में झारखंड के राज्यपाल बने और चार महीने में सभी 24 जिलों का दौरा किया
जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल बनें

राधाकृष्णन पीएम मोदी और अमित शाह की गुडबुक्स वाले नेता माने जाते हैं. राधाकृष्णन के नाम का चयन कर बीजेपी ने दक्षिण भारत और ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की रणनीति बनाई है. यदि उनका निर्वाचन होता है, तो वह देश के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति होंगे जो दक्षिण भारत से आते हैं. भाजपा नेतृत्व ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट रूप से कहा कि राधाकृष्णन का अनुभव और प्रतिबद्धता ही उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प बनाते हैं.