समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर को घेरते हुए राज्य में पुलिस कस्टडी में हुई मौत का मुद्दा उठाया. दरअसल गाजीपुर जिले के नोनहरा थाने में हुए कथित पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अखिलेश यादव ने यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘अब भाजपा की आपसी और अंदरूनी खींचतान का असर आम लोगों और यहां तक कि खुद भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी दिखने लगा है.’
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट के ज़रिए कहा कि ‘उत्तर प्रदेश की पुलिस अब तक हिरासत में मौतों का रिकॉर्ड बनाती रही थी और अब उसके शिकार भाजपा के अपने लोग भी हो रहे हैं’. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि ‘जब अपने लोग मारे गए, तब भाजपा को उन परिवारों का दर्द समझ आया जो वर्षों से पुलिस की ज्यादतियों का शिकार होते आए हैं’.
सपा प्रमुख ने कहा कि ‘हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का नागरिक और इंसान होता है. इसलिए ऐसी हर मौत की निंदा पुलिस के साथ-साथ उन लोगों की भी होनी चाहिए जो ऐसे कृत्यों को बढ़ावा देते हैं’. उन्होंने सवाल उठाया कि ‘आखिर उत्तर प्रदेश की पुलिस को भाजपा और उनके संगी-साथियों व अन्य आनुषंगिक संगठनों पर प्रहार करने के पीछे कौन है आपसी और अंदरूनी लड़ाई का ख़ामियाज़ा कोई भी क्यों भुगते?’
11 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हुई कार्यवाही
गौरतलब है कि गाजीपुर के नोनहरा थाने में धरने के दौरान कथित पुलिस लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय उर्फ़ जोखू (35) गंभीर रूप से घायल हो गए थे. गुरुवार तड़के उनकी मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस अधीक्षक इराज राजा ने कार्रवाई करते हुए 11 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया, जिनमें थाना प्रभारी सहित 6 को निलंबित और 5 को लाइन हाजिर किया गया है.