भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार लगातार सवालों में घिरते जा रहे हैं. वोटिंग के दौरान का CCTV फुटेज सार्वजनिक नहीं करने की दलील को लेकर उनपर सवाल उठ रहे थे. कर्नाटक और महाराष्ट्र के चुनावों में विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में SIR के मुद्दे पर विपक्ष उन पर पहले ही आरोप लगा रहा है. विपक्ष ने ज्ञानेश कुमार पर महाभियोग लाने का भी संकेत दिया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर ज्ञानेश कुमार के परिवार को लेकर भी सवाल उठने लगे
बेटियों औऱ दामादों की पोस्टिंग पर उठे सवाल
ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम हैं, जो 2014 बैच की IAS हैं और मौजूदा समय में नोएडा की डीएम हैं. मेधा रूपम के पति मनीष बंसल भी 2014 बैच के ही IAS अफसर हैं, जो सहारनपुर के जिलाधिकारी हैं.
वहीं ज्ञानेश कुमार की छोटी बेटी अभिश्री IRS अफसर हैं और वर्तमान में डिप्टी डायरेक्टर ऑफ इनकम टैक्स, श्रीनगर में तैनात हैं. इनके पति अक्षय लाबरू भी श्रीनगर के डीएम हैं. हालांकि वो केरल कैडर के आईएएस हैं लेकिन डेपुटेशन पर श्रीनगर में पोस्टेड हैं.
ऐसे में सोशल मीडिया पर यह बात तूल पकड़ती जा रही है कि कितने ही प्रशासनिक अधिकारी दंपतियों को एक ही कैडर में पोस्टिंग नहीं मिल पाती, तो ज्ञानेश कुमार की बेटियों और दामादों को एक ही कैडर में कैसे पोस्टिंग मिल गई?
कांग्रेस नेता विनय कुमार डोकानिया ने इन नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए एक्स पर लिखा कि ‘ज्ञानेश कुमार, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, को बीजेपी के लिए वफादार रहने और बड़े पैमाने पर #VoteChori को अंजाम देने के बदले अमित शाह का आशीर्वाद और विशेषाधिकार प्राप्त है. उनकी दोनों बेटियों और उनके-अपने पतियों को एक ही राज्य और जिले में सेवा करने की अनुमति दी गई है. जबकि किसी भी अन्य सरकारी अफसर के लिए इसकी संभावना 0.1% से भी कम होती है.’
ज्ञानेश कुमार भी केरल कैडर के आईएएस रहे हैं और मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले गृह मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अगर विपक्ष ज्ञानेश कुमार पर महाभियोग लाता है तो ये देश में पहली बार होगा जब किसी मुख्य चुनाव आयुक्त पर महाभियोग लाया गया हो.