नई दिल्ली के इंदिरा भवन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया. राहुल गांधी ने अपने पीसी की शुरूआत ये कह कर की कि ‘सबसे पहले ये हाइड्रोजन बम नहीं है, हाइड्रोजन बम आने वाला है’.
राहुल गांधी ने इस बार गलत तरीके से वोट जोड़े जाने के बजाए गलत तरीके से वोट काटे जाने का मामला उठाया. उन्होने पिछली बार की तरह ही सिलसिलेवार तरीके से अपनी बात रखी. अपने आरोपों के आधार में राहुल ने कई सारे उदाहरण दिए.
उन्होने कहा कि ‘कर्नाटक में अलंद निर्वाचन क्षेत्र में किसी ने 6018 वोटो को हटाने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए. ये संख्या 6018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन वोटो को हटाते हुए पकड़ा गया और ये संयोग से हुआ. वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है’
राहुल गांधी ने आगे कहा कि ‘अलंद में मतदाताओं के नाम पर 6018 आवेदन दाखिल किए गए. जबकि वास्तव में उन लोगों ने कोई आवेदन नहीं किया था. सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके ये आवेदन ऑटोमैटिक दाखिल किए गए. मतदाताओं के नाम को हटाने के लिए कई राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया. कर्नाटक के जिन क्षेत्रों से वोटर लिस्ट से नाम हटाए गए वहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है’
‘चुनाव आयोग क्यों नहीं दे रहा जवाब’
राहुल गांधी ने कहा कि ‘मैं ज्ञानेश कुमार पर सीधे आरोप क्यों लगा रहा हूं. कर्नाटक में इस मामले की जांच जारी है. सीआईडी ने चुनाव आयोग से कुछ तथ्य मांगे हैं. पहला हमें वह डेस्टिनेशन IP दे दीजिए जिससे ये फॉर्म भरे गए. दूसरा हमें उन डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स दीजिए जिससे ये आवेदन दाखिल किए गए और तीसरा OTP ट्रेल्स दीजिए क्योंकि आवेदन दाखिल करने के लिए OTP लेना पड़ता है. लेकिन उन्हे यह नहीं दिया जा रहा क्योंकि इससे हमें यह पता चल जाएगा कि ऑपरेशन कहां से चल रहा है.’
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कर्नाटक के मामले पर राहुल गांधी ने बताया कि कर्नाटक सीआईडी ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग को 18 खत लिखे लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया.
अब बड़ा सवाल यही है कि चुनाव आयोग सीआईडी के खतों का जवाब क्यों नहीं दे रहा. क्योंकि राहुल गांधी के लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं.