लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए सवाल उठाया कि जब देश शहीदों के गम में डूबा है, तब पाकिस्तान से क्रिकेट संबंध बनाए रखना उन परिवारों का अपमान है, जिन्होंने अपने सपूत खोए हैं.
यूपी की कानून-व्यवस्था और 2027 का चुनावी एजेंडा
अखिलेश ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता जताई. उन्होंने गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की संदिग्ध मौत का उदाहरण देते हुए कहा कि पुलिस बर्बरता के मामलों में निष्पक्ष जांच के बजाय राजनीतिक दबाव से समझौते हो रहे हैं. इससे जनता का भरोसा न्याय व्यवस्था से उठ रहा है. उन्होंने साफ कहा कि ऐसे मामलों में केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि जवाबदेही और पारदर्शिता ज़रूरी है.
आगामी 2027 विधानसभा चुनावों की रणनीति साझा करते हुए अखिलेश ने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी “PDA”—पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों की एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेगी. उन्होंने इसे भाजपा के “BJP + ED + CBI” मॉडल का लोकतांत्रिक जवाब बताया और कहा कि यह केवल चुनावी नारा नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का अभियान है.
सपा प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि अब टिकट उन्हीं को मिलेगा जिनकी जनता के बीच असली पकड़ होगी और सर्वे में समर्थन दिखेगा. खासतौर पर PDA वर्ग के प्रतिनिधियों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि सही मायनों में राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके.