लखनऊ: हिंदी दिवस के अवसर पर रविवार को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में शानदार समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का मुख्य विषय “संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी भाषा की अधिकृत मान्यता की संभावना” रहा. हिंदी भवन के निराला सभागार में आयोजित इस एक दिवसीय संगोष्ठी में विशेष सचिव (भाषा), उत्तर प्रदेश शासन श्री ओम प्रकाश सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि दिल्ली से डॉ. ऋचा मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय से डॉ. हेमांशु सेन और डॉ. रामकृष्ण सम्माननीय वक्ता के रूप में शामिल हुए. हिंदी संस्थान की प्रधान संपादक डॉ. अमिता दुबे ने कार्यक्रम का संचालन किया.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं वाणी वंदना से हुई। तत्पश्चात अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया गया.

अपने व्याख्यान में डॉ. ऋचा मिश्रा ने कहा कि भारत के धार्मिक ग्रंथ सदैव विदेशी विद्वानों के मार्गदर्शक रहे हैं. विदेशों में भी अनेक विद्वानों ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया है. आज हिंदी विश्वभर में सम्मान पा रही है और इसकी ज्ञान संपदा निरंतर बढ़ रही है.
डॉ. हेमांशु सेन ने कहा कि हिंदी हमारे “मान और सम्मान की भाषा” है. उन्होंने इसे नायकत्व की भूमिका में बताया और कहा कि गांधीजी के अनुसार हिंदी स्वराज का प्रश्न है.

डॉ. रामकृष्ण ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ हिंदी बहुतायत से बोली जाती है. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी की मान्यता की पूर्ण संभावनाएँ हैं.
विशेष सचिव (भाषा) श्री ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि हिंदी को सर्वोच्च स्थान दिलाने में हमारे वेद-पुराणों की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए हमें कृतसंकल्प होना होगा.

समारोह के समापन पर संचालक डॉ. अमिता दुबे ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग देने वाले सभी साहित्यकारों, विद्वानों, मीडिया कर्मियों और शिक्षार्थियों का आभार व्यक्त किया.