नेपाल में सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के फैसले का भारत ने भी स्वागत किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह कदम नेपाल में स्थिरता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा. भारत ने भरोसा जताया है कि अंतरिम सरकार निर्धारित समय सीमा के भीतर चुनाव संपन्न कराएगी और पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को और आगे बढ़ाएगी.
इससे पहले शुक्रवार की शाम नेपाल में अंतरिम सरकार गठित हो गई. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार रात शीतल निवास पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसी के साथ वे देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं. फिलहाल अभी तक किसी और को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.
हालांकि, Gen-Z आंदोलन से जुड़े नेताओं ने अंतरिम सरकार में शामिल होने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि वे सत्ता में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन सरकार की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे.
18 दिन में कैसे बदल गया नेपाल?
25 अगस्त 2025
नेपाल सरकार ने “Social Media Regulation Guideline, 2080 BS” के तहत यह नियम लागू किया कि सभी विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को नेपाल में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, तय समय-सीमा में यदि पंजीकरण नहीं किया गया तो उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
28 अगस्त 2025
सरकार ने कंपनियों को 7 दिन की डेडलाइन दी. इस दौरान Facebook, Instagram, WhatsApp, YouTube, X (Twitter), Reddit, LinkedIn समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से पंजीकरण करने के निर्देश दिये गये.
4 सितंबर 2025
डेडलाइन समाप्त होने पर सरकार ने घोषणा की कि जिन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ने पंजीकरण नहीं कराया है, उन्हें नेपाल में ब्लॉक किया जाएगा. कुल 26 प्रमुख प्लेटफार्मों की सूची जारी की गई और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को कार्रवाई का आदेश दिया गया.
5 सितंबर 2025
प्रतिबंध लागू होना शुरू होता है. प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म नेपाल में ऑफ़लाइन हो गए, जिससे लोगों में भारी असंतोष फैल गया.
8–9 सितंबर 2025
देशभर में विशेषकर युवाओं (Gen Z) ने सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध-प्रदर्शन किया. राजधानी काठमांडू समेत कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़पें हुईं. इन झड़पों में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए. लगातार विरोध और जनदबाव के बीच कैबिनेट ने आपात बैठक कर प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया. इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को बहाल करना शुरू कर दिया गया.
9–11 सितंबर 2025
विरोध प्रदर्शनों ने राजनीतिक संकट का रूप ले लिया. जनता ने भ्रष्टाचार और राजनीतिक जवाबदेही को लेकर भी आवाज़ बुलंद की. 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा दे दिया. हालात काबू में करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों, युवा संगठनों और सेना अधिकारियों से सलाह-मशविरा शुरू हुआ.
12 सितंबर 2025 (सुबह–दोपहर)
आम सहमति के बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अस्थायी प्रधानमंत्री नियुक्त करने का निर्णय लिया गया . सुशीला कार्की ने राष्ट्रपति के समक्ष शपथ ग्रहण की और नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार केवल अंतरिम अवधि के लिए होगी और देश को चुनाव तक ले जाएगी.
12 सितंबर 2025 (रात 11 बजे से प्रभावी)
संसद को भंग कर दिया गया और मार्च 2026 में होने वाले नए संसदीय चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई.
मार्च में अगला संसदीय चुनाव होने की संभावना
राष्ट्रपति ने साफ किया है कि अगले छह महीनों के भीतर संसद के नए चुनाव कराए जाएंगे. इसी के साथ भारी राजनैतिक उथल-पुथल के बाद अब नेपाल में फिर से शांति-बहाली और स्थिरता की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.