कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के रायबरेली दौरे के दौरान गुरुवार को बुलाई गई जिला स्तरीय DISA बैठक अचानक विवादों में घिर गई है. बैठक के बीच में ही राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, मामला तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने कहा कि वे बैठक के अध्यक्ष हैं और किसी भी मुद्दे पर चर्चा उनसे पूछकर ही होनी चाहिए. इस पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने असहमति जताई और दोनों नेताओं के बीच बहस बढ़ गई.
दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जिले में ‘जरूरत से ज्यादा प्रोटोकॉल और सुविधाएं’ दी जाती हैं, जिससे आम जनता को परेशानी होती है. इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर की गई कथित टिप्पणी के लिए माफी न मांगने का मुद्दा भी उठाया.
बैठक में ‘वोट चोरी’ और चुनावी गड़बड़ी को लेकर राहुल गांधी के बयानों का भी विरोध किया गया. इस दौरान ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडेय ने भी असहमति जताते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया.
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने इस पूरे विवाद पर बीजेपी नेता और मंत्री दिनेश प्रताप सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ‘रायबरेली सांसद श्री राहुल गांधी जी के साथ भाजपा के राज्य मंत्री जिस तरीके की बहसबाजी कर रहे थे, उससे साफ है कि बीजेपी और आरएसएस संविधान की मर्यादाओं का पालन नहीं करते. राहुल गांधी रायबरेली की जनता द्वारा चुने गए सांसद और DISA बैठक के अध्यक्ष हैं, इसलिए अध्यक्षता वही करेंगे. दिनेश सिंह भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर राजनीति कर रहे हैं. रायबरेली की जनता सब देख रही है और अगली बार उनका जमानत भी नहीं बचेगा.’
राहुल गांधी के दौरे की शुरूआत में ही दिखा टकराव
यह पहली बार नहीं है जब दोनों नेताओं के बीच टकराव सामने आया हो. इससे पहले भी राहुल गांधी जब 2 दिन पहले रायबरेली दौरे पर पहुंचा थे तो दिनेश सिंह ने उनके काफिले को रोककर विरोध प्रदर्शन किया था. हालांकि, उसके बाद दिनेश सिंह के बेटे की राहुल गांधी से मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई थीं. लेकिन अब दिशा बैठक की वीडियो सामने के आने के बाद सियासत तेज होने की उम्मीद है.