दिल्ली कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के चुनाव में हार के बाद भाजपा के पूर्व सांसद संजीव बालियान और राजीव प्रताप रूडी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. क्लब के सचिव प्रशासन पद पर हुए चुनाव में बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी की जीत हुई थी. तबसे दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी चल रही है. अब संजीव बालियान ने तंज कसते हुए कहा है कि ‘उन्हें नहीं पता था कि रूडी इतने बड़े नेता बन गए हैं कि अब उत्तर प्रदेश के राजपूतों का भविष्य तय करने लगे हैं’.
चुनाव जीतने के बाद रूडी ने ली थी चुटकी?
दरअसल, चुनाव जीतने के बाद रूडी ने बयान दिया था कि ‘उन्होंने बालियान के मित्रों से कहा था छपरा में जाट वोटर नहीं हैं, जबकि बालियान के क्षेत्र में दो लाख ठाकुर हैं. अगर राजपूत मेरे नाम पर नाराज हो जाऐंगे, तो बेचारे को मुश्किल होगी’. रूडी ने चुटकी लेते हुए यह भी कहा था कि ‘इस बार भी हार गए, बेचारे को आगे राजनीति करनी है, कष्ट में मत डालो’.
अब बालियान ने किया पलटवार
रूडी के इसी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए संजीव बालियान पलटवार किया है. उन्होने कहा है कि ‘ये मुझे नहीं पता था कि रूडी इतने बड़े नेता हो गए हैं कि उत्तर प्रदेश के राजपूतों का भविष्य भी वही तय करेंगे. चिंता योगी आदित्यनाथ को करनी चाहिए, मुझे नहीं’.
बालियान ने यह भी कहा कि उनकी रूडी से शिकायत है कि वो हमेशा उनके मित्रों के बारे में टिप्पणी करते हैं, जबकि उन्होंने कभी रूडी के मित्रों पर कुछ नहीं कहा. चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर रूडी बात को आगे बढ़ाते हैं तो वह भी पीछे नहीं हटेंगे.
जातीय समीकरणों पर उठे सवाल पर बालियान ने दिया जवाब
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के चुनाव में जातीय समीकरणों पर उठे सवाल पर बालियान ने साफ किया कि चुनाव जाति के आधार पर नहीं हुआ. उन्होंने दावा किया कि यूपी के अधिकतर राजपूत सांसदों ने उन्हें ही वोट दिया. वहीं, जाट नेताओं जैसे अजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा और जयंत चौधरी वोट डालने ही नहीं आए. बालियान को 291 वोट मिले थे और उन्होंने कहा कि देशभर में जाट सांसद और पूर्व सांसद मिलाकर 25 भी नहीं होंगे, ऐसे में जातीय आधार पर चुनाव का तर्क सही नहीं है.
दरअसल कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के चुनाव के बाद राजीव प्रताप रूड़ी और संजीव बालियान के बयान से दोनों नेताओं के बीच के मतभेद अब सामने आ रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट बनाम राजपूत का मुद्दा चर्चा में आया था. तब ऐसी चर्चा थी कि बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम से मतभेद का असर संजीव बालियान के चुनावी नतीजों पर पड़ा था. इस बयानबाजी से एक बार फिर यूपी की राजनीति में जाट बनाम राजपूत होने की संभावना बढ़ गई है. ध्यान देने वाली बात ये है कि यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.