बिहार की सियासत में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. एक तरफ जीतन राम मांझी गठबंधन के ही सहयोगी चिराग पासवान पर निशाना साधते देखे गए. तो दूसरी तरफ उपेन्द्र कुशवाहा भी भितरघात से बचने का इशारा कर रहे हैं. दरअसल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान पर परोक्ष रूप से हमला बोला. मांझी ने कहा, चिराग का स्वभाव और व्यवहार हम 2020 से जानते हैं, इसलिए ज़्यादा कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है. यह बयान ऐसे समय आया है जब चिराग पासवान ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए से 43 सीटों की मांग की है. जिससे गठबंधन के भीतर असंतोष और चर्चाएं तेज हो गई हैं.
मांझी ने यह भी कहा कि देश और बिहार के हित में सभी दलों को एकजुट होकर एनडीए को मजबूत करना चाहिए. उन्होंने जानकारी दी कि 9 सितंबर को दिल्ली में एक अहम बैठक होगी. जिसमें बिहार के सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी. मांझी ने यह स्पष्ट किया कि एनडीए में कोई झगड़ा नहीं है और जो भी निर्णय मुख्यालय से आएगा.
तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने गठबंधन के सहयोगी दलों को खुली चेतावनी दी है. पटना के मिलर स्कूल मैदान में आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा कि ‘पिछली बार लोकसभा चुनाव में तालमेल की कमी और सेल्फ गोल जैसी स्थिति की वजह से एनडीए को कई सीटों का नुकसान हुआ था. इस बार ऐसी गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए’. उनका इशारा पवन सिंह पर माना जा रहा है. जिन्होने भाजपा से अलग होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिससे एनडीए के वोट बंट गए और केराकत से कुशवाहा खुद तीसरे नंबर पर चले गए थे. अब उन्होंने बीजेपी समेत सभी सहयोगी दलों को आगाह किया है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में ऐसी स्थिति से बचना होगा और एनडीए को एकजुट रहना होगा तभी जीत संभव है.