एक बार फिर एनसीईआरटी के सिलेबस को लेकर सियासी घमासान मच गया है. दरअसल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर NCERT ने 6वीं-8वीं कक्षा के लिए अपना नया विशेष माड्यूल जारी किया है , जिसके बाद से सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी बहस छिड़ चुकी है.
क्यों हो रहा है विवाद ?
एनसीईआरटी ने अपने इस विशेष मॉड्यूल में भारत विभाजन की त्रासदी और इस त्रासदी को भोगने वाले लोगों के दुख-दर्द के बारे में बताया है. साथ ही ‘विभाजन के दोषी’ शीर्षक के अंतर्गत भारत के विभाजन के लिए तीन लोग/पक्ष को ज़िम्मेदार बताते हुए , कहा गया है कि
• जिन्ना ने पाकिस्तान के निर्माण की बात की
• जिन्ना की मांग कांग्रेस ने स्वीकार की और देश का विभाजन हुआ
• माउंटबेटन ने बंटवारे की प्रक्रिया को पूरा किया
इसके साथ ही इस किताब में तस्वीर लगाई गयी है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू , मोहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन साथ नज़र आ रहे हैं.
विपक्ष ने किया विरोध
कांग्रेस ने NCERT के इस मॉड्यूल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें पूरा सच नहीं बताया गया है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर कहा है कि ‘अगर इसमें सिर्फ कांग्रेस और जिन्ना को ही बंटवारे का जिम्मेदार ठहराया गया है, तो यह अधूरी कहानी है.’
आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि , ‘ आरएसएस हमेशा टू नेशन थ्योरी का समर्थन करता था. सावरकर ने भी अपनी किताब में ये बात कही थी. जिन्ना, आरएसएस और हिंदू महासभा सभी भारत के विभाजन के पक्ष में थे. कांग्रेस और जिन्ना को सिर्फ जिम्मेदार ठहराना गलत है. आरएसएस और हिंदू महासभा को भी उतनी ही विभाजन की जिम्मेदारी लेनी होगी.’