कानपुर अपराध और फर्जीवाड़े की नई इबारत लिखता जा रहा है अभी एडवोकेट अखिलेश दुबे के फर्जीवाड़े का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि चकेरी थाना क्षेत्र में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां मकान के स्वामित्व विवाद ने पुलिस की भूमिका पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. चकेरी थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला, पूर्व सनिगवां चौकी प्रभारी अंकित खटाना समेत चार पुलिसकर्मियों और 30-40 अज्ञात लोगों पर डकैती, कब्जा, मारपीट और तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज हुआ है. यह एफआईआर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई.
मकान विवाद और परिवार पर हमला
शिकायतकर्ता संगीता जायसवाल, निवासी चंद्र नगर (लाल बंगला, कानपुर), ने बताया कि उनका मकान विवाद हाईकोर्ट में लंबित है. आरोप है कि पुलिस ने बिना वैध आदेश विरोधी पक्ष को कब्जा दिलवा दिया. 29 मार्च 2025 को इंस्पेक्टर, पूर्व चौकी प्रभारी और दो स्थानीय लोगों के साथ 30-40 लोग उनके घर में घुसे. इस दौरान संगीता के भतीजे अभिषेक, भतीजी ज्योति, ललित, आशीष और विनीता को बुरी तरह पीटा गया. गंभीर चोटों के बावजूद मेडिकल जांच तक नहीं कराई गई, उल्टे घायलों पर ही शांतिभंग का केस दर्ज कर दिया गया.
नकदी और सामान लूटने का आरोप
संगीता का दावा है कि आरोपियों ने घर से मोबाइल, लैपटॉप और व्यापारिक दस्तावेज भी उठा लिए. उनके पति संजय जायसवाल इसी मकान से अपनी रजिस्टर्ड फर्म चलाते हैं. घटना में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का व्यापारिक माल, छह लाख रुपये नकद और जेवरात ट्रक में लादकर ले जाए गए. घरेलू सामान भी चोरी कर लिया गया.
पीड़िता ने कहा कि पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग उनके पास है, जिसे जांच एजेंसियों को दी जाएगी. एसीपी आशुतोष पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू हो गई है. अब देखना होगा कि दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है.