मुंबई पुलिस ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद आजाद मैदान खाली कराने के लिए मराठा आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. इस दौरान आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई. हालांकि पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से मैदान खाली करने की अपील करता रहा.
इसी बीच जरांगे पाटिल ने बड़ा ऐलान करते हुए समर्थकों से कहा कि आंदोलनस्थल से गाड़ियां लेकर आए लोग मुंबई से बाहर चले जाएं और केवल 5,000 लोग ही मैदान में रहें. लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया कि सभी प्रदर्शनकारियों को मैदान खाली करना होगा. आंदोलनकारियों का कहना है कि वे तभी हटेंगे जब खुद जरांगे पाटिल निर्देश देंगे.
दरअसल, जरांगे पाटिल मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में 10% आरक्षण देने की मांग पर अड़े हैं और उन्होंने सरकार से मराठों को कुंभी जाति के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव जारी करने की अपील की है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि आंदोलन ने शर्तों का उल्लंघन किया है और यह अब शांतिपूर्ण नहीं रहा. कोर्ट ने जरांगे और उनके समर्थकों को मंगलवार तक आजाद मैदान और आसपास के क्षेत्रों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया था.
पुलिस के अनुसार, आंदोलन की अनुमति केवल एक दिन और अधिकतम 5,000 लोगों के लिए थी, लेकिन करीब 35,000 से 45,000 लोग मैदान और आसपास की सड़कों पर जुट गए, जिससे ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक असुविधा हुई. आंदोलनकारियों की ओर से वकील सतीश मानेशिंदे कोर्ट में पक्ष रखेंगे.