फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में 200 साल पुराने मकबरे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला तब शुरू हुआ जब कुछ हिंदू संगठनों ने दावा किया कि यह मकबरा वास्तव में ठाकुर जी का मंदिर था और यहां पहले शिवलिंग भी मौजूद था। उनका आरोप है कि वर्षों पहले मंदिर को तोड़कर मकबरा बना दिया गया था। इसी दावे के चलते संगठन के लोग यहां पूजा करने और भगवा झंडा फहराने पहुंचे।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय का कहना है कि यह मकबरा अबू समद का है और यह उनका धार्मिक स्थल है। हिंदू संगठनों द्वारा झंडा फहराने की कोशिश से मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी फैल गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस बल और पीएसी तैनात की गई और बैरिकेड्स लगाकर लोगों को मकबरे तक जाने से रोका गया। हालांकि, आरोप है कि कुछ लोग बैरिकेड्स तोड़कर अंदर पहुंच गए, जिससे हल्की हाथापाई हुई और कुछ लोग घायल भी हुए।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली थाने में FIR दर्ज की है। इसमें करीब 150 लोगों को नामजद किया गया है, जिन पर दंगा फैलाने, धार्मिक स्थल में अवैध प्रवेश, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान और पुलिस पर हमला करने जैसे गंभीर आरोप हैं। FIR में बीजेपी जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल समेत कुछ नेताओं के नाम भी शामिल हैं, जो कथित रूप से घटनास्थल पर मौजूद थे।
प्रशासन का कहना है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन विवाद को शांत करने के लिए दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से बातचीत की जा रही है। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की है।