गणपति बप्पा के आगमन की प्रतीक्षा भक्त पूरे वर्ष करते हैं. जैसे ही भाद्रपद माह का शुभारंभ होता है, घर-घर और नगर-नगर में गणेश चतुर्थी के उत्सव की धूम मच जाती है. आज वह पावन पर्व आ गया है जब देशभर में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का हर्षोल्लासपूर्वक स्वागत किया जा रहा है. मंदिरों, घरों और पंडालों में श्रद्धालु गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और भजनों में लीन हैं.
बॉलीवुड में गणपति बप्पा का विशेष स्थान
गणेश जी न केवल भक्तों के प्रिय हैं, बल्कि बॉलीवुड में भी उनका गहरा संबंध देखने को मिलता है. हिंदी फिल्मों में दशकों से गणेशोत्सव को बड़े ही भव्य अंदाज़ में दर्शाया गया है. फिल्मों की कथाओं में भी कई बार गणेश चतुर्थी को केंद्र में रखा गया है.
1980 के दशक में आई फिल्म हमसे बढ़कर कौन का प्रसिद्ध गीत ‘देवा हो देवा, गणपति देवा’ आज भी गणेशोत्सव के पंडालों में गूंजता है. मोहम्मद रफ़ी, शैलेंद्र सिंह और आशा भोंसले की आवाज़ में यह भजन भक्ति और ऊर्जा का संगम है. इसके बाद शाहरुख़ खान की डॉन (2006) का गीत ‘मोरेया रे’, सलमान खान की वांटेड (2009) का ‘जलवा’ और ऋतिक रोशन की अग्निपथ (2012) का ‘देवा श्री गणेशा’ भव्यता और आस्था के प्रतीक बन गए.
फिल्मों ने दी गणेशोत्सव को नई पहचान
प्रसिद्ध कोरियोग्राफर प्रभुदेवा की फिल्म एबीसीडी (Any Body Can Dance) में गणपति डांस का सीन फिल्म की आत्मा बन गया था. वहीं अग्निपथ का गीत ‘देवा श्री गणेशा’ आज भी पंडालों और आयोजनों में बजते हुए भक्तों को जोश और श्रद्धा से भर देता है. शाहरुख खान का डॉन का ‘मोरेया रे’ और सलमान खान का वांटेड का ‘जलवा’ गणपति बप्पा के स्वागत को और भी यादगार बना चुके हैं.
भक्ति और संस्कृति का संगम
गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सांस्कृतिक एकता और भावनात्मक समर्पण का प्रतीक है. बॉलीवुड ने अपने गीतों और फिल्मों के ज़रिए इस पर्व की महिमा को और अधिक लोकप्रिय बनाया है. यही कारण है कि आज भी गणेशोत्सव के मौके पर ये गाने हर गली, हर पंडाल और हर दिल में बप्पा की भक्ति का उल्लास जगाते हैं.