शिमला: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में लगातार मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. पिछले कई दिनों से जारी भारी वर्षा के चलते ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है और उसने विकराल रूप ले लिया है. नदी के उफान से कुल्लू-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) का लगभग तीन किलोमीटर लंबा हिस्सा बह गया है. नदी का बहाव हाईवे की ओर मुड़ जाने से किनारे स्थित एक निजी होटल पर खतरा मंडरा रहा है.
मनाली के बाहंग क्षेत्र में स्थित एक दो मंजिला इमारत तेज बहाव में बह गई, जबकि सुबह के समय दो रेस्तरां और दो दुकानों के भी ढहने की जानकारी सामने आई. लगातार हो रहे भूस्खलनों ने स्थिति को और अधिक भयावह बना दिया है. दवाड़ा क्षेत्र में बना एक पैदल पुल भी नदी की तेज धार में समा गया. यह पुल लारजी पावर हाउस के दूसरी ओर स्थित भवनों तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता था.
खोले गए पंडोह डैम के सभी गेट
इधर, ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए हैं. लगभग 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. सिल्ट की अधिकता के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है और बग्गी टनल की जल आपूर्ति रोक दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि डैम की फ्लशिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि दबाव नियंत्रित रहे और सिंचाई के लिए समय पर पानी उपलब्ध हो सके.
प्रशासन अलर्ट और राहत कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड में है और राहत-बचाव कार्य जारी हैं, हालांकि लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू में बाधा आ रही है. लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहें.