मुंबई के बहुचर्चित जया शेट्टी हत्याकांड में गैंगस्टर छोटा राजन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने साफ किया है कि गंभीर अपराधों में दोषी पाए गए आरोपियों को सजा से राहत पाना आसान नहीं होगा. इसके साथ शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें राजन की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर जमानत दी गई थी.
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि छोटा राजन पहले से ही कई मामलों में सजा काट रहा है और न्यायिक हिरासत में है. ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला न्यायिक दृष्टि से उचित नहीं ठहराया जा सकता. अदालत ने कहा कि जब तक अन्य मामलों में उसकी सजाएं जारी हैं, तब तक उसे राहत नहीं दी जा सकती.
विशेष अदालत ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
यह मामला 2001 का है, जब मुंबई के जाने-माने गोल्डन क्राउन होटल की मालकिन जया शेट्टी की उनके ही होटल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में जांच के बाद सीबीआई ने छोटा राजन और उसके गिरोह को जिम्मेदार ठहराया था. विशेष अदालत ने सबूतों के आधार पर राजन को दोषी पाया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की सीबीआई की अपील
पिछले साल 23 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राजन की सजा को निलंबित करते हुए उसे जमानत दे दी थी, जिसके बाद इस फैसले को चुनौती देते हुए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलीलों को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट का आदेश निरस्त कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को संगठित अपराध और गैंगस्टरों के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है. यह फैसला न केवल न्याय व्यवस्था की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि समाज में कानून की ताकत और निष्पक्षता को भी मजबूत करता है.