उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित एक विवादित मकबरे और उसके आसपास मौजूद मंदिर को लेकर जारी विवाद पर प्रशासन की 80 पन्नों की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. यह रिपोर्ट प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत और IG अजय मिश्रा ने तैयार कर राज्य सरकार को भेजी है. रिपोर्ट में गाटा संख्या 753 सहित कुल 8 गाटा नंबरों का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि विवाद का आधार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भूमि के स्वामित्व, सरकारी रिकॉर्ड और प्रशासनिक लापरवाही से जुड़ा है.
रिपोर्ट के अनुसार, जिस मकबरे को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ वह गाटा संख्या 753 में दर्ज है. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस मकबरे को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है और यह उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में पंजीकृत है. वहीं गाटा संख्या 1159 में ठाकुर जी के विराजमान होने का उल्लेख किया गया है और यह जमीन 23 खातेदारों के नाम पर दर्ज है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्वामित्व से जुड़े किसी भी सिविल या उच्च न्यायालय के मामले में राज्य सरकार को पक्षकार नहीं बनाया गया और किसी प्रकार की अपील से संबंधित रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है.
रिपोर्ट में पुलिस प्रबंधन की गंभीर लापरवाही को भी रेखांकित किया गया है. भीड़ को रोकने के लिए समय पर बैरिकेडिंग नहीं लगाई गई और बड़ी संख्या में लोग मकबरे की ओर बढ़ते रहे, लेकिन किसी अधिकारी या कर्मचारी ने स्थिति संभालने की कोशिश नहीं की.
समग्र रूप से यह रिपोर्ट दर्शाती है कि यह विवाद धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ कानूनी दस्तावेजों की विसंगतियों और प्रशासनिक चूक का परिणाम है.