हिसार: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर बड़ी खबर आई है. यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने कोर्ट में डिफॉल्ट बेल की अर्जी दाखिल की है. उनके मुताबिक पुलिस ने 90 दिनों के भीतर पूरी चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उन्हें BNSS की धारा 187(2) के तहत जमानत पाने का अधिकार है.
ज्योति मल्होत्रा की ओर से पेश वकील ने अपनी अपील में तर्क दिया है कि उनकी गिरफ्तारी 17 मई 2025 की रात हुई थी और तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं. 90 दिन की अवधि 15 अगस्त को पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं हुई. 14 अगस्त को पुलिस ने अधूरी चार्जशीट अदालत में पेश की, जिसकी कॉपी न तो आरोपी को दी गई और न ही बचाव पक्ष को. 29 अगस्त की सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने भी माना कि जांच पूरी नहीं हो पाई है. अब इस केस की अगली सुनवाई 2 सितंबर को होना है.
क्या है डिफॉल्ट बेल का प्रावधान ?
BNSS की धारा 187 के अनुसार अगर किसी आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस निर्धारित समय सीमा (60 दिन या 90 दिन, अपराध की गंभीरता पर निर्भर) के भीतर अंतिम चार्जशीट/पुलिस रिपोर्ट दाखिल नहीं करती, तो आरोपी को जमानत (डिफॉल्ट बेल) का अधिकार मिल जाता है.
क्या था मामला ?
‘ट्रैवल विथ जो’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाली ज्योति मल्होत्रा को हरियाणा पुलिस ने 16 मई 2025 को पाकिस्तान की यात्रा और पाक के एजेंट्स से संपर्क में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
एसआईटी की ओर से दाखिल चार्जशीट में बताया गया था कि ज्योति पाकिस्तान के लिए टूलकिट के रूप में काम कर रही थी और पाकिस्तानी एजेंट्स से गोपनीय जानकारियां साझा कर रही थी. जांच में यह भी सामने आया कि वह पाकिस्तान के हाई कमीशन में तैनात दानिश अली के संपर्क में थीं. दोनों के बीच हुए चैट्स भी बरामद किए गए हैं.