कोलेस्ट्रॉल एक मोमी (waxy) जैसा पदार्थ है, जो हमारे शरीर और खून में पाया जाता है. यह हार्मोन, विटामिन D और पाचन में मदद करने वाले पित्त (bile acids) बनाने के लिए जरूरी है. शरीर में अधिकांश कोलेस्ट्रॉल लीवर बनाता है, जबकि बाकी हमें खाने-पीने की चीज़ों खासकर मांस, अंडे, दूध और तैलीय भोजन से मिलता है.
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार
1. LDL (Low-Density Lipoprotein) – इसे “खराब कोलेस्ट्रॉल” कहा जाता है. इसकी ज्यादा मात्रा धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करती है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
2. HDL (High-Density Lipoprotein) – इसे “अच्छा कोलेस्ट्रॉल” कहा जाता है. यह खून से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल हटाकर लीवर तक पहुंचाता है, जहां यह टूटकर बाहर निकल जाता है.
3. VLDL (Very-Low-Density Lipoprotein) – इसमें ट्राइग्लिसराइड्स ज्यादा होते हैं, जो दिल की बीमारियों का एक और बड़ा कारण हैं.
कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने के नुकसान

एथेरोस्क्लेरोसिस: धमनियों में फैट जमा होना
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर
ब्लड फ्लो में रुकावट
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के तरीके
डाइट में बदलाव: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 युक्त चीज़ें शामिल करें
कम संतृप्त वसा: तली-भुनी और प्रोसेस्ड चीज़ों से बचें
नियमित व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट एक्टिव रहें
धूम्रपान और शराब से दूरी
जरुरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन
निष्कर्ष
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए ज़रूरी है, लेकिन इसका संतुलन बनाए रखना दिल की सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है. सही खानपान, नियमित व्यायाम और समय-समय पर हेल्थ चेकअप के जरिए आप अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रख सकते हैं और लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं.