पिछले दिनों कतर में हुए 50 से अधिक इस्लामिक देशों की आपातकालीन बैठक के बाद अब इस्लामिक दुनिया से एक और बड़ी खबर सामने आई कि पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बड़ा फैसला लेते हुए नाटो देशों जैसा रक्षा समझौता किया है. जिसके बाद भारत ने इस समझौते पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है और बदलते भू-राजनैतिक समीकरणों पर स्पष्ट शब्दों में अपना का रूख स्पष्ट किया है. इस समझौते को लेकर भारत ने अपनी नाराजगी जताई है क्योंकि इससे भारत और सऊदी अरब के संबंधों पर भी दूरगामी असर पड़ने की संभावना है.
क्या है यह समझौता?
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रियाद यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस और सऊदी प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान की मौजूदगी में अल-यमामा पैलेस में यह “रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता” हुआ.
इस करार के मुताबिक, अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. इसलिए इसे नाटो देशों जैसा समझौता कहा जा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘यह करार दोनों देशों की करीब आठ दशकों पुरानी साझेदारी का विस्तार है, जो भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों पर आधारित है.’
हालांकि, समझौते की शर्तों और इसके वास्तविक दायरे को लेकर अभी कोई विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘यह समझौता सिर्फ सुरक्षा सहयोग तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि भविष्य में सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने और संभावित हमलों से निपटने की तैयारियों पर भी जोर देगा.’
भारत का दो टूक जवाब
इस समझौते पर भारत ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत सरकार इस समझौते पर कड़ी नजर रख रही है. उन्होंने बताया कि भारत को पहले से जानकारी थी कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच इस तरह का करार विचाराधीन है और अब यह औपचारिक रूप ले चुका है. जायसवाल ने कहा, “हम इस समझौते के भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय संतुलन और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का गहन अध्ययन करेंगे.”
भारत पर क्या पड़ेगा असर ?
भारत ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए इस समझौते पर स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस समझौते के संभावित परिणामों का बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा ताकि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसके असर को समझा जा सके. असल में भारत के संबंध सऊदी अरब से बेहतर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान से भारत के बीच अक्सर झड़प होती रहती है. 3 बार युद्ध भी हो चुका है जिसमें पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. इस समझौते के बाद अगर भारत ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर जैसा कोई ऑपरेशन किया या युद्ध हुआ तो समझौते के मुताबिक सऊदी अरब भी पाकिस्तान की तरफ से युद्ध में शामिल होगा. इससे भारत और सऊदी अरब के संबंध खराब हो सकते हैं.