उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से आई भीषण आपदा कई परिवारों के लिए भयानक सपने जैसी साबित हई. इस प्राकृतिक त्रासदी में सहारनपुर जिले के गंगोह कस्बे के दो परिवारों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. उनके बेटे मुकेश (धराली त्रासदी: गुमशुदा अपनों की तलाश में भटक रहे परिवार, योगी-मोदी से मदद की गुहार
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से आई भीषण आपदा ने कई परिवारों को बुरी तरह झकझोर दिया है. इस प्राकृतिक त्रासदी में सहारनपुर जिले के गंगोह कस्बे के दो परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मुकेश (28) और दीपांशु (24) जो आपस में चचेरे भाई हैं, दो महीने पहले रोज़गार की तलाश में धराली पहुंचे थे और वहां वेल्डिंग का काम कर रहे थे.
घरवालों के मुताबिक 5 अगस्त की सुबह करीब 9 बजे दोनों से आखिरी बार फोन पर बातचीत हुई थी. इसके कुछ ही घंटे बाद धराली में बादल फटा और भारी तबाही मच गई. तेज़ बहाव में कई घर, दुकानें और वाहन बह गए, सड़कों पर मलबा भर गया. तब से अब तक मुकेश और दीपांशु का कोई सुराग नहीं मिला है.
आपदा की खबर सुनते ही दोनों परिवार उत्तरकाशी के लिए रवाना हुए, लेकिन गंगनाली से आगे का रास्ता टूट जाने के कारण धराली तक पहुंचना संभव नहीं हो सका. कई जगह पुल बह गए और सड़कें धंस गईं, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में भी भारी मुश्किलें आ रही हैं.
गुमशुदा बेटों की तलाश में पिछले कई दिनों से दर-दर भटक रहे परिजनों की हालत बेहद खराब है. मुकेश और दीपांशु की मांओं का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना है ‘बेटा उनका एकमात्र सहारा है , इसलिए हमारी योगी और मोदी जी से यही आस है कि वे हमारे बेटों को ढूंढने में हमारी मदद करें.’
उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने धराली रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताते हुए कहा कि खराब मौसम के बावजूद अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है,प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद की जा रही है.
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल राहत व बचाव कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन मौसम और मार्ग क्षतिग्रस्त होने के चलते खोजबीन की रफ्तार धीमी है. NDRF, SDRF और पुलिस टीम लगातार मलबा हटाकर लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं.
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